साल का आखिरी सूर्य ग्रहण- Surya Grahan LIVE Update

आज आंशिक सूर्य ग्रहण लगने वाला है। यह सूर्य ग्रहण भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। भारत में ग्रहण होने से इसका सूतक काल मान्य रहेगा।

Solar Eclipse 2022 Date and Time, Surya Grahan Kab Se Kab Tak Hai:  ग्रहण का सूतक सुबह 4 बजे लग चुका है। भारत में यह ग्रहण दोपहर बाद देखा जा सकेगा।Title 1

ग्रहण के दौरान खाने-पीने की चीजों में क्यों रखते हैं तुलसी के पत्ते धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान सभी तरह के खाने-पीने की चीजें अपवित्र हो जाती हैं।

इस कारण से खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल दिए जाते हैं ताकि सूर्य ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव न पड़े। ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक और दूषित किरणें फैली हुई होती हैं

आयुर्वेद में तुलसी के पत्तों का बहुत ही महत्व होता है। तुलसी के पत्ते संजीवनी होते हैं। तुलसी में एंटी-बैक्टीरिया और आयरन तत्व बहुत होते हैं। इसका सेवन करने से व्यक्ति की इम्युनिटी बढ़ती है

दिल्ली NCR और उत्तर भारत के शहरों में इस समय शुरू होगा सूर्य ग्रहण लोगों को दिवाली के बाद साल 2022 के आखिरी सूर्य ग्रहण का इंतजार है। अब से कुछ घंटों बाद ग्रहण आरंभ हो जाएगा।

दिल्ली-        शाम 4 बजकर 29 मिनट से    शाम 5 बजकर 42 मिनट तक अमृतसर-    शाम 4 बजकर 19 मिनट से    5 बजकर 48 मिनट तक भोपाल-        शाम 4 बजकर 49 मिनट से    5 बजकर 46 मिनट तक लखनऊ -     शाम 4 बजकर 36 मिनट से    5 बजकर 29 मिनट तक देहरादून-      शाम 4 बजकर 26 मिनट से    5 बजकर 36 मिनट तक शिमला-        शाम 4 बजकर 23 मिनट से    5 बजकर 39 मिनट तक

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ग्रहण में क्या करें और क्या न करें? साल का आखिरी सूर्य ग्रहण- 25 अक्तूबर क्या न करें क्या करें साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज ग्रहण के दौरान खाना न खाएं ग्रहण में मंत्रों का जाप करें आज सुबह सूतक काल शुरू सूतक काल में शुभ कार्य न करें खाने की चीजों में रखें तुलसी के पत्ते दिवाली के अगले दिन बाद सूर्य ग्रहण पूजा- पाठ न करें

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ग्रहण के बाद गंगाजल का छिडकाव करें तुला और चित्रा नक्षत्र में सूर्य ग्रहण गर्भवती महिलाएं न देखें ग्रहण गर्भवती महिलाएं मंत्रों का जाप करें 15 दिन बाद 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण भी नुकीली चीजों का इस्तेमाल न करें ग्रहण के बाद दान करें 10 साल बाद फिर दिवाली और सूर्य ग्रहण का संयोग ग्रहण के दौरान तुलसी समेत अन्य पेड़-पौधों को न छुएं ग्रहण के बाद पूजा स्थल को गंगाजल से धोएं और फिर पूजा करें