अगर आपकी आमदनी टैक्स में छूट की सीमा से अधिक है यानी टैक्सेबल है और आप आयकर नहीं भरते हैं, तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमें का नोटिस आना लाजिमी है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि अगर आपने अपनी रिटर्न फाइलिंग के दौरान कम आय दिखाई है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको नोटिस भेजता है। इन चीजों के अलावे आईटीआर रिटर्न भरते समय की गई गणना में गलती, इनकम टैक्स रिटर्न फॉरम को सही तरीके से नहीं भरने या फिर रिटर्न में अत्यधिक नुकसान दिखाने, आईटीआर फॉर्म में दी जाने वाली बेसिक डिटेल्स नाम, पता, पैन, डेट ऑफ बर्थ आदि में गलती होने पर भी आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है।
Index:
- Income Tax Notice कब, और क्यों ?
- क्या होता है income tax असेसमेंट ?
- क्यों आता है income tax Notice ??
- आपको भी मिला है इनकम टैक्स का नोटिस ?
अगर हाँ तो जान लें काम की ये बातें |
हमारे देश में काफी बड़ी संख्या में लोग टैक्स भरते हैं और लोग ऐसा मान लेते हैं कि इनकम टैक्स रिटर्न भर देने के बाद उनका काम पूरा हो गया है. लेकिन क्या सही में सिर्फ Return जमा करने से हमारा काम खत्म हो जाता है, हालांकि यह सच नहीं है. इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर भरकर बेफिक्र हो जाने वाले लोगों को बता दें कि रिटर्न भरने के बाद भी नोटिस आ सकता है. और ये नोटिस कई प्रकार के होते हैं | इसकी जानकारी रखना बहुत आवश्यक है | क्योंकि यह उतना ही महत्वपूर्ण है जितना आपका टैक्स भरना |इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से टैक्सपेयर को कई तरह के नोटिस आते हैं…
क्या होता है income tax असेसमेंट
इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख (ITR Deadline) को पार हुए अब कई सप्ताह या कहें तो लगभग महीना बीतने वाला है . Income tax return filing के बाद अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) में असेसमेंट (ITR Assessments) की प्रक्रिया चल रही है. ITR assessment एक प्रक्रिया है जिसके कारण सही रिटर्न दायर (ITR Filing) करने वालों को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से रिफंड (Income Tax Refund) मिलता है, और गलती करने वाले करदाताओं को आयकर विभाग से नोटिस (Income Tax Notice) जारी किया जाता है. हमारी जानकारी के आधार पर मैं यह मानता हूँ कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस मिलना कहीं से ठीक बात नहीं है, लेकिन मैं यह भी कहना चाहता हूं कि नोटिस मिलते ही घबराना भी ठीक नहीं है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कई कारणों से करदाताओं को नोटिस भेज सकता है. इसके लिए आइए जानते हैं कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस क्यों और कब आते हैं.अगर नोटिस मिल जाए तो क्या करना चाहिए. और नोटिस को पूर्ण रूप से जाने बिना क्यों नहीं डरना चाहिए.,,
कितने प्रकार के होते हैं Income tax नोटिस
मेरी रिसर्च के आधार पर मैं. आपको बताना चाहूँगा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिस कई तरह के होते हैं. इतना ही नहीं नोटिस की कई केटेगरी होती है | नोटिस किसी व्यक्ति अथवा बिजनेस या कंपनी को भेजा जाता है, तो उसके हिसाब से नोटिस की कैटेगरी तय की जाती है. मैंने अपनी जानकारी के अनुसार ये देखा कि तकरीबन 15 से 20 तरह के नोटिस होते हैं, इनमें से कुछ नोटिस ऐसे हैं जो इंडिविजुअल्स यानी आम नागरिकों को भेजे जाते हैं. आम तौर पर आम टैक्स payer को मिलने वाले इनकम टैक्स नोटिस के निम्न प्रकार हैं….,
सेक्शन 142: अगर किसी व्यक्ति ने इंकम टैक्स के दायरे में होने के बावज़ूद ITR नहीं भरा है तो आयकर अधिकारी सेक्शन 142 के तहत उसे नोटिस देकर रिटर्न भरने के लिए कह सकता है. छोटी-मोटी जानकारी या स्पष्टीकरण मांगने के लिए भी इस धारा के तहत नोटिस भेजे जा सकते हैं. इसलिए इसे देखकर आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है |
सेक्शन 143 (2): ऐसे notice का मतलब स्क्रूटनी के लिए होता है. अगर हम इसके मतलब कि बात करें तो आयकर विभाग आपसे कुछ और डिटेल में जानकारी चाहता है. इसके तहत बुक ऑफ अकाउंट्स, बैंक स्टेटमेंट, आपके बचत जैसी कई अन्य जानकारियां मांगी जा सकती हैं. और इनके आधार पर Department द्वारा आपके income का असेसमेंट किया जाएगा. यह नोटिस इनकम टैक्स रिटर्न भरने के बाद आता है. देखा गया है कि लोगों को सबसे ज्यादा यही नोटिस प्राप्त होता है.
सेक्शन 144: 144 सेक्शन को बेस्ट जजमेंट असेसमेंट (Best Judgement Assessments) कहते हैं. इसका मतलब है कि आपने सही समय पर अपने income की जानकारी Department को नहीं दी | जैसे अगर आपने ITR फाइल नहीं किया या आपको भेजे गए 142 या 143 (2) के तहत जारी नोटिस का जवाब नहीं दिया तो आयकर अधिकारी सेक्शन-144 के तहत आपको एक नोटिस भेज सकते हैं. और ऐसे में income tax अधिकारी मौजूदा जानकारी इकट्ठा कर के उसके आधार पर इनकम का आकलन करके उसके ऊपर कर, ब्याज या जुर्माना लगा सकते हैं अथवा ये सभी लगा सकते हैं.
सेक्शन 147/148/149: इसके अलावा कुछ और Section जैसे 147/148/149 अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी को लगता है कि आपने अपनी इनकम का पहले जो असेसमेंट कराया है, उसमें कोई त्रुटि है या फिर आपने पानी आय की पूरी जानकारी नहीं दी है तो ऐसे जो आय शामिल नहीं है या फिर आपकी कोई ऐसी इनकम है, जिसका खुलासा पहले नहीं हुआ है, तो यह नोटिस income tax की तरफ से आपको आ सकता है.
सेक्शन 143(1): इस section के तहत नोटिस तब आता है जब आपने ITR में कोई गलती की है या फिर गलत जानकारी दी है. ऐसे में आयकर अधिकारी नोटिस जारी करके आपका पक्ष पूछता है. जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर आपका टैक्स बढ़ाया जा सकता है या डिडक्शन को घटाया जा सकता है.
सेक्शन 139(9): इसके अलावा, डिफेक्टिव रिटर्न के लिए सेक्शन 139 (9), धारा 139(9) के तहत दोषपूर्ण रिटर्न के लिए नोटिस कब जारी किया जाता है?
अक्सर ऐसा होता है कि हम इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय कुछ बातों को छोड़ देते हैं या कुछ गलतियां कर देते हैं। ये गलतियाँ आपके रिटर्न को “दोषपूर्ण” बनाती हैं और आपको धारा 139(9) के तहत दोषपूर्ण रिटर्न का नोटिस जारी किया जाता है। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139 (9) में कहा गया है कि जब रिटर्न दोषपूर्ण पाया जाता है, तो एओ आपको गलती को सुधारने के लिए 15 दिनों की अवधि देता है।
सेक्शन 131(A) : आय छिपाने का शक होने पर सेक्शन 131 (A) के तहत नोटिस भेजे जा सकते हैं. धारा 131(1ए) यदि आयकर विभाग को पता चलता है कि आपने अपनी आय की कोई सूचना नहीं दी है, तो आपको धारा. 131(1ए) के तहत एक नोटिस प्राप्त होगा। इस धारा के तहत जांच विभाग के अधिकारी पूछताछ करते हैं और अपनी जांच के अनुसार साक्ष्य जुटाते हैं. इन खोजों में अधिकृत अधिकारी शामिल हो सकते हैं, जो धारा 131(1) में संदर्भित अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकते हैं। धारा 131(1ए) के तहत नोटिस आयकर की जांच पूरी होने के बाद ही जारी किया जाता है और उस अधिनियम की धारा 132 के तहत जब्ती होती है।
सेक्शन 153(A) : किसी भी तरह की तलाशी और जब्ती के लिए सेक्शन 153(A), 1961 की धारा 153ए, खोजे गए व्यक्ति के मामले में आय का आकलन करने के लिए एक तंत्र स्थापित करती है। उपरोक्त खंड के अनुसार, निर्धारण अधिकारी को खोज के वर्ष से ठीक पहले के छह निर्धारण वर्षों के लिए किसी व्यक्ति का मूल्यांकन करने का अधिकार है।
खोज/सर्वेक्षण के आधार पर, पिछले 6 वर्षों के आकलन को धारा 153ए के तहत फिर से खोल दिया गया है। 153ए के सामान्य पठन के अनुसार, इन वर्षों के संबंध में पूर्व में किए गए आकलन शून्य हो जाते हैं और धारा 153ए के तहत नई कार्यवाही फिर से की जाएगी।
सेक्शन 156 : income tax department का टैक्स, ब्याज या पेनाल्टी बकाया रहने पर सेक्शन 156, आपको धारा 156 के तहत मांग के लिए नोटिस प्राप्त होता है जब आयकर विभाग के निर्धारण अधिकारी (एओ) आयकर अधिनियम के तहत पारित आदेश के परिणामस्वरूप आपके द्वारा देय किसी भी कर, ब्याज, जुर्माना या अन्य राशि की मांग करते हैं। और इस धारा के तहत आपको एक नोटिस जारी किया जाएगा।
FAQ:- 💭👇💥💁🙋
Q:- Income Tax Notice कब, और क्यों ?
Ans:- आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख (ITR filing last date) 31 जुलाई है। अगर आखिरी तारीख तक रिटर्न फाइल नहीं किया तो आपको आयकर विभाग का नोटिस मिल सकता है।
Q:- क्या होता है income tax असेसमेंट ?
Ans:- जैसा कि, इसके नाम और अर्थ से ही स्पष्ट है, Self Assessment Tax ऐसा टैक्स होता है, जिसकी गणना खुद टैक्स चुकाने वाला व्यक्ति करता है और सरकार के पास जमा कर देता है। इसे, हर साल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने के पहले जमा करना अनिवार्य है।
Q:- क्यों आता है income tax Notice ??
Ans:- आयकर विभाग का नोटिस? अगर आपकी आमदनी टैक्स में छूट की सीमा से अधिक है यानी टैक्सेबल है और आप आयकर नहीं भरते हैं, तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमें का नोटिस आना लाजिमी है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि अगर आपने अपनी रिटर्न फाइलिंग के दौरान कम आय दिखाई है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको नोटिस भेजता है
Q:- आपको भी मिला है इनकम टैक्स का नोटिस ?
Ans:- लोगों को सबसे ज्यादा यही नोटिस मिलता है. सेक्शन 144: इसे बेस्ट जजमेंट असेसमेंट (Best Judgement Assessment) कहते हैं. अगर आपने ITR फाइल नहीं किया या 142 या 143 (2) के तहत जारी नोटिस का जवाब नहीं दिया तो आयकर अधिकारी सेक्शन-144 के तहत नोटिस भेज सकते हैं